द फॉलोअप डेस्क
धनबाद में फर्जी पैथोलॉजी रिपोर्ट के आधार पर एक अस्पताल ने 592 लोगों का ऑपरेशन कर दिया। इस मामले में सरकार ने ऑपरेशन करनेवाले अस्पताल 'नयन सुख नेत्रालय, धनबाद' को 1.52 करोड़ रुपये का जुर्माना देने को कहा है। जुर्माना देने के लिए अस्पताल प्रबंधन को 14 दिनों का समय दिया गया था। लेकिन 14 दिन बीत जाने के बावजूद अस्पताल ने जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं किया है। बता दें कि अस्पताल ने ये सभी ऑपरेशन 'आयुष्मान भारत योजना' के तहत किये थे। फिर इनकी डिटेल आयुष्मान पोर्टल पर अपलोड डाली थी, जिससे अस्पताल को भुगतान मिल सके।
इस तरह हुआ पर्दाफाश
मिली खबर के मुताबिक पोर्टल पर अस्पताल की ओर से मरीजों की पैथोलॉजी रिपोर्ट लीलावती पॉली क्लिनिकक से कराने के कागजात अपलोड किये थे। मामले में बीमा कंपनी ने भुगतान के दावों की जांच की। और पाया कि लीलावली पॉली क्लिनिक' के नाम पर जमा की गयी पैथोलॉजी रिपोर्ट नकली है। और इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर 592 मरीजों का ऑपरेशन किया गया है। इस तथ्य के पता चलने के बाद बीमा कंपनी ने अस्पताल की ओर से किये गये भुगतान के आवेदन को कैंसिल कर दिया।
तीन गुना अधिक दंड का है प्रावधान
बीमा कंपनी ने फर्जी पैथोलॉजी रिपोर्ट की बुनियाद पर आंखों का ऑपरेशन करने की जानकारी अगस्त 2022 में सरकार भेजी। जनवरी 2023 में झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी ने इस मामले में जांच के आदेश जारी किये। जांच के बाद समिति ने सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में लिखा कि 'नयन सुख अस्पताल' द्वारा किये गये 592 आंखों के ऑपरेशन के दौरान लीलावती पॉली क्लिनिक बंद था। इस पर कार्यवाही करते हुए सरकार ने फैसला लिया। गौरतलब है कि आयुष्मान योजना के तहत किये गये भुगतान के दावे के तीन गुना दंड लगाने का नियम है। अस्पताल ने 592 लोगों के ऑपरेशन के लिए 50.78 लाख रुपये का दावा किया था. इसलिए उस पर 1.52 करोड़ रुपये का दंड लगाया गया है।
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